Wednesday 18 July 2018

पानी पीने का सही तरीका, सही वक्त क्या है, पानी कैसे पियें और कैसा पानी पियें

पानी कब पियें जिससे हमारे शरीर को फायदा पहुँचता है

1. 3 ग्लास सुबह उठने के बाद अंदरूनी ऊर्जा को Active करता है।

2. 1 गिलास नहाने के बाद Blood Pressure का खत्म करता है।

3. 2 ग्लास खाने से 45 मिनिट पहले हाजमे को दुरुस्त करता है।

4. आधा गिलास सोने से पहले Heart Attack से बचता है क्यों कि ज्यादतर Heart Attack रात को आता है खास कर रात चार  बजे से लेकर छ बजे तक। 

5. ख़ास बात खाने के बाद कभी भी तुरंत पानी न पियें, हमारे देश में एक बहुत बड़े ऋषि हुए थे जिनका नाम था बाग्वट, उन्होंने एक सूत्र  लिखा था "भोजनान्ते विषम वारी" यानि इसका मतलब है भोजन के पश्चात पानी विष पीने के सामान है। यदि खाने के बाद कभी भी पानी पीना हो तो 1:30 से 2:00 घंटे बाद पीना चाहिए। 

पानी दो घंटे बाद क्यों पीना चाहिए इसका भी बहुत बड़ा Logic है, हमारे पेट में एक स्थान जिसे हम जठर कहते हैं तो हम लोग जो भी खाना खाते हैं सबसे पहले उस जठर में एकत्रित होता है और जैसे ही खाना जठर में एकत्रित होता है जठर में अग्नि प्रज्वलित हो जाती है, और वही हमारे खाने को पचाती है। परन्तु होता  क्या है कि जैसे ही अग्नि जलती है वैसे ही हम खाने के बाद पानी पी लेते हैं और जठराग्नि बुझ जाती है और हमारा खाना नहीं पचता है। और सारी बीमारियों की जड़ यही है कि हम भोजन के बाद पानी पी लेते हैं। भोजन नहीं पचेगा तो सबसे पहले वह सड़ेगा फिर गैस बनेगी, सड़ा हुआ खाना कोलोस्ट्रॉल में बदलने लगता है और Heart Attack का कारण बनता है इसके इलावा झुकाम से लेकर कैंसर तक की सभी बीमारियां भोजन के बाद पानी पीने से होती हैं। 

खास बात यदि किसी व्यक्ति को ज्यादा झुकाम की शिकायत रहती हो तो वह भोजन के दो घंटे बाद पानी पिए तो उसे झुकाम की शिकायत ख़तम हो जाएगी ये मेरा ही अनुभव है। 

में अक्सर झुकाम से परेशान रहता था, और लगभग अपने मथुरा वृन्दावन के अच्छे से अच्छे Doctor से इलाज करवा लिया था परन्तु सभी ये कह देते थे कि इसको इन्फेक्शन हो जाता है और दवाई दे देते थे और में ठीक हो जाता था और हप्ता भर सही रहता था और फिर झुकाम हो जाता था। 

परन्तु मेने जैसे भोजन के बाद पानी पीना बंद किया मुझे झुकाम की शिकायत बंद हो गयी, इसका भी एक Logic था, कि जब भोजन के बाद जठराग्नि जलती थी तो पेट गरम हो जाता था और उस गरम पेट के ऊपर पानी पीते ही सर्द गर्मी हो जाती थी, और खाना भी तो हम गरम गरम ही खाते है तो गरम गरम खाने के ऊपर तो वैसे भी पानी नहीं पीना चाहिए। 

इसलिए महर्षि बाग्वट जी ने अपने ग्रन्थ में लिखा था कि "भोजनान्ते विषम वारी" यानि इसका मतलब है भोजन के पश्चात पानी विष पीने के सामान है।

पानी कभी भी खड़े होकर नहीं पीना चाहिए। 

1. खड़े होकर पानी पीने से कब्ज की समस्या हो जाती है, खड़े होकर पानी पीने से डाईजेशन ठीक तरीके से नहीं हो पाता है ऐसे में कब्ज की प्रॉब्लम हो जाती है।

2. खड़े होकर पानी पीने से खाना डाईजेस्ट नहीं होता है तो खाना सड़ता है और वह कोलोस्ट्रॉल में बदलने लगता है और Heart Attack का कारन बनता है।

3. खड़े होकर पानी पीने से एसोफेगस नली के निचले हिस्से पर बुरा असर पड़ने लगता है ऐसे में अल्सर की प्रॉब्लम का खतरा होता है।

4. खड़े होकर पानी पीने से डाईजेशन ठीक तरीके से नहीं हो पाता है ऐसे में इनडाईजेशन की प्रॉब्लम हो जाती है।

5. खड़े होकर पानी पीने से बॉडी में लिक्विड पदार्थ का बैलेंस बिगड़ने लगता है, ऐसे में जोड़ो को पर्याप्त लिक्विट नहीं मिल पाता है जिससे गठिया की प्रॉब्लम होती है।

6. खड़े होकर पानी पीने से ज्यादा एसिड रिफ्लेक्स जाने लगता है तो एसिडिटी की प्रॉब्लम होती है। जब हम खड़े होकर पानी पीने पीते हैं तो ऐसे में पानी बिना छने ही किडनी से बहार निकलने लगता है,  इसके कारन किडनी में इन्फेक्शन या किडनी ख़राब होने का खतरा होता है।

पानी कैसा पियें 

1. अपने शरीर के तापमान से अधिक ठंडा पानी कभी नहीं पीना चाहिए। इसका Logic ये है कि जब हम एकदम ठंडा पानी पीते है तो पानी के तापमान को अपने शरीर के तापमान तक लाने के लिए हमारे शरीर  को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और हमें थकान सी महसूस होने लगती है और हम Active नहीं रह पाते हैं।

2. फ्रिज का पानी कभी न पियें।

3. RO का पानी कभी न पियें क्यों कि इससे कैल्सियम की कमी हो जाती है।

4. बारिश का पानी सबसे अच्छा होता है पीने के लिए हो सके तो  उस पानी को स्टोर करके रखें।

5. जाड़ों में तो पानी हमेशा गुनगुना ही पीना चाहिए हो गर्मी में भी लेकिन सुबह सुबह।

6. यदि ठंडा पानी पीना ही हो तो घड़े का पानी पीना चाहिए।

7. यदि आपके यहाँ पानी बहुत ही खराब हो बिना RO के पानी के काम नहीं चल सकता हो तो एक काम करें RO से पानी निकालकर घड़े  रख दें तो RO के द्वारा जो कैल्सियम निकाल दिए गए है वो फिर से घड़े के माध्यम से वापस पानी में मिल जायेंगे। यदि और कैल्सियम की कमी हो जाये तो घड़े के पानी में एक चुटकी चूना डाल दें।

8. पानी हमेशा घूँट घूँट करके पीना चाहिए एक साथ नहीं, क्यों कि तभी पानी  तत्व सरीर को मिलते हैं।

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