Tuesday 1 May 2018

चौधरी चरण सिंह जी के पद और उनके कार्यों का एक छोटा सा कलेक्शन

में चौधरी चरण सिंह के कार्य पर चर्चा करूँ कुछ विवरण करूँ एक छोटा सा कलेक्शन प्रस्तुत कर रहा हूँ, जो स्व. चौधरी चरण सिंह के राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डालेगा और उनके उद्देश्य को पूर्ण करने में मदद करेगा, उनके कार्य सर्व समाज के लिए किसानों के लिए, मजदूरों  के लिए, दलितों के लिए, तथा कैसे भारत को उन्नति की राह पर लेकर आये जाये कैसे ब्रिटिश कानून को खत्म करके नये भारत का निर्माण हो सके।

किसी भी मंत्रीपद पर रहते हुए या प्रधानमंत्री रहते हुए तमाम उन पदों के कार्यों का जिक्र कर रहा हूँ जिस पद पर स्व. चौधरी चरण सिंह ने अपनी सेवा दीं और तमाम उन्हीं कामों का जिक्र करूँगा जो उनकी किसान नेता की छवि को और उनके सिधान्तो को आज की युवा पीढ़ी में जन जागरण का काम करेगे 

चौधरी चरण सिंह जी के जन हितों में किये गये महत्वपूर्ण कार्य

1. 5 अप्रैल 1938 को यूनाइटेड प्रोविश एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग पेश किया।

2. 5 अप्रैल 1939 को 50% प्रसासनिक पद खेतिहर अथवा गाँवों के निवासियो के लिए आरक्षित रखने का प्रस्ताव कांग्रेस विधायक दल की कार्य समिति के समक्ष रखा।

3. अप्रैल 1939 में ही जोतदारों को जमीन का स्वामित्व दिलाने की दिशा से सयुंक्त प्रान्त धारा सभा में लैंड यूटीलाई जेशन बिल ( भूमि उपयोग बिल ) पेश किया।

4. 17 मई 1939 को ऋण निव्रत्ति बिल संयुक्त प्रान्त धारा सभा में पारित कराया, जिससे प्रदेश के लगभग सभी किसान ऋण मुक्त हो गए।

5. 3 जुलाई 1947 को गाव हुकूमत बिल पारित कराया।

6. 1 जुलाई 1952 को यूपी विधानसभा में जमीदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम लागू कर जमीदारी प्रथा को समाप्त करने की परिक्रिया पूर्ण की।

7. 1953 मार्च में पटवारी व्यवस्था की जगह लेखपाल व्यवस्था लागू कर किसानों को पटवारियों के शिकंजे से मुक्त कराया।

8. 1953 में चकबन्दी अधिनियम बनाया जो 1954 में लागू हुआ।

9. चकबन्दी अधिनियम से कृषि लागत में कमी, मानव श्रम में बचत, कृषि उपजो में वृद्धि हुई।

10. 1954 में भूमि सरछण अधिनियम पारित कराया जिसके तहत मिट्टी  के वैज्ञानिक जाँच की व्यवस्था थी।

11. 1961 में इसी कानून को व्यापक रूप देते हुए भूमि व जल अधिनियम बनाया।

12. कृषि आय कर अधिनियम 1956 समाप्त कर 1 जुलाई 1957 से व्रहत जोत कर अधिनियम 1956 लागू किया, जिसके चलते प्रदेश के किसान बड़े भूमिधरो के कर चोरी पर रोक लगाने में मदद मिली।

13. 9 जनवरी 1959 को कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में नहेरु जी के सहकारी खेती के प्रस्ताव का प्रभावपूर्ण विरोध किया, जिसके चलते प्रदेश के किसान सहकारी खेती से बचे।

14. 1961 में यूपी के ग्रह मंत्री पद पर रहते हुए पुलिस SI पद पर दलित समाज के कैंडिडेट के लिए मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में 1000/- रुपए अग्रिम जमानत राशि जमा कराने का नियम समाप्त कराया तथा 80 रुपये प्रतिमाह अनुदान देने का आदेश पारित किया।

15. 1961 में ही गृहमंत्री रहते हुए यूपी के महत्वपूर्ण शहरों में वायरलेस युक्त सचल दस्तों की गस्त स्टार्ट कराई जिससे कानून व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा में सुधार हुआ।

16. आगरा में पूर्ण बड़ी तथा बाबा साहब की मूर्ति की स्थापना करके ग्वालियर रोड का नाम बाबा भीमराव अम्बेडकर मार्ग रखा।

17. 1963 में कृषि आपूर्ति संस्थानों की स्थापना जिससे बीज, उर्वरक तथा कृषि यंत्र उन गरीब किसानों को भी सस्ती दर पर मिले जो सहकारी समितियों के मेम्बर नही थे।

18. 1964 में एग्री कल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग बिल जो 1938 में धारा सभा में पारित नही हो पाया विधानसभा में पारित करा के किसानों को मंडी में होने वाली लूट से मुक्त कराया।

19. 1954 में मवेशी अतिक्रमण बिल में सांसोधन किया और यूपी गौशाला अधिनियम बनाया।

20. 1965 में अच्छी नश्ल के खेतिहर पशुओं के सवर्धन के लिए मबेशी अधिनियम बनाने की इजाजत ली।

21. 1966 में स्वायत्त शाशन मंत्री के तौर पर म्युनिशिपल सेवाओं का केंद्रीकरण किया।

22. जिससे स्थानीय निकायों के अध्यक्ष के अधिकार मजबूत हुए और सुधारों का पथ प्रस्तुत हुआ।

23. किसानों को जोत बही दिलवाई जिससे उनकी भूमि सम्बन्धी दस्तावेजों में गड़बड़ ना हो सके।

24. नहर की पटरियों पर ग्रामीणों के चलन पर ब्रिटिशकालीन कानून को समाप्त कराया।

25. शिक्षा संस्थानों के आगे लगे जाति सूचक शब्दों को हटाने और सरकारी सहायता बन्द करने के लिए कानून बनाया।

26. अनुसूचित जाति के एक सदस्य को पहली बार राज्य लोक सभा आयोग का सदस्य नियुक्त किया।

27. मंत्रिमडल में दलितों के साथ पिछड़े वर्ग से चार मंत्री लिए।

28. उर्वकों से बिक्री कर समाप्त कराया।

29. साढ़े तीन एकड़ की जोतों पर लगान माफ़ कराया।

30. सीलिंग से प्राप्त जमीन भूमिहीन किसानों के लिए आवंटित की।

31. भूमि विकाश बैंकों की कार्य प्रणाली को अधिक किसान लाभकारी बनाया।

32. सरकारी काम काजों में राष्ट्रीय भाषा हिंदी का शत प्रतिशत प्रयोग अनिवार्य किया।

33. 23 तहशील जो उर्दू बहुल्य थी, सरकारी गजट उर्दू में उप्लब्ध कराने की व्यवस्था की।

34. प्रान्त में प्रोफेसर्स के वेतन में व्रद्धि की जो बहुत कम थी।

35. पिछड़ों और परिगणित जाति के लिए मंडल आयोग की स्थापना की।

36. अल्पसख्यकों के लिए अल्पसख्यक आयोग का गठन।

37. 1977-78 में ग्रामीण एरिया के लिए पहली बार 40% का पैकज दिया।

38. केंद्र में ग्रहमंत्री रहते हुए निजी प्रभाव से रैलकर्मियों को बोनस देने का काम किया।

39. रासायनिक उर्वरकों  पर कंद्रीय उत्पाद शुल्क 50% कम करने का काम किया।

40. लाइट डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 52% की कमी।

41. कृषि यंत्रों के उत्पादन शुल्क में कमी।
42. कृषि जिंसों और खांडसारी के अन्तर्राज्य आवाजाही पर लगी रोक हटाई।

43. ग्रामीण बेरोजगारों के लिए काम के बदले अनाज देना शुरू किया।

44. समाज के सबसे पिछड़े तबके के उद्धार हेतु अंत्योदय योजना स्टार्ट की।

45. तम्बाकू की खेती पर 1943 से जारी आबकारी शुल्क समाप्त किया।

46. ग्रामीण विधुतीकरण के लिए 25000 गाँवों के विधुतीकरण का प्रावधान किया।

47. खाद अनुदान में 25% की वृद्धि की।

48. एकाधिकार घरानों पर लाइसेंस पर पाबंधी लगाई।

49. पहली बार 120 ऐसी वस्तुओं के बड़े उद्योग में उत्पादन पर पाबन्धी लगाई जिनका उत्पादन लघु उधोग से सम्भव था।

50. बड़ी कपड़ा मिलों को 20% कपड़ा गरीबों के लिए बनाने का नियम दिया।

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