Sunday 8 July 2018

लडडू गोपाल जी की सेवा कैसे करें, आपके घर मे लडडू गोपाल जी हैं तो आप इस बातो का विशेष ध्यान रखें

भगवान् श्री कृष्ण जी का जन्म जन्माष्टमी को हुआ था, और पूरे देश में जन्माष्टमी धूम धाम से मनाई जाती है, तो जिस दिन जन्माष्टमी हो प्रतिवर्ष लडडू गोपाल जी का जन्मदिन मानना चाहिए, और समस्त परिवार, आस पड़ोस के व्यक्तियों को जन्मदिन में सम्मिलित करें, खासकर बच्चों को अवश्य बुलाएँ, क्योंकि बच्चों से ही धूम धाम होती है, और उन बच्चों के प्रति ये भावना रहनी चाहिए कि ये लडडू गोपाल जी के सखा हैं।

सभी बच्चों को खिलोने वितरित करने चाहिए, तथा दही, मक्खन मिश्री, और दूध या दूध से बनी सामग्रियों का वितरण करना चाहिए, और जन्मदिन की बधाईआं गाएं, सामर्थ्य के अनुसार लडडू गोपाल जी का जन्मदिन मानना चाहिए, क्यों कि लडडू गोपाल जी भावना के भूके हैं आपके पैसों के नहीं।

जो भी परिवार के लोग और आस पड़ोस के लोग हों उनके मन में भी यह भाव होना चाहिए कि आज हम लडडू गोपाल जी की जन्मदिन की बधाई देने  के लिए जा  रहे हैं  तो  साथ में लडडू गोपाल जी के लिए कुछ न कुछ भेंट लेकर अवश्य जाएँ, जैसे पोशाक, मुकुट, माला, चन्दन, बंसी, खिलोने, लटकन, कंगन, सिंघासन इत्यादि और खास बात लडडू गोपाल जी के लिए माखन मिश्री अवश्य ले जाएँ, और हो सके तो खुद ही माखन मिश्री घर पर बनायें और लडडू गोपाल जी का भोग लगाएं।

और जिसके यहाँ लडडू गोपाल जी के जन्मदिन का उत्सव मन रहा हो उस व्यक्ति को बधाई देने आये लोगों को भी कुछ न कुछ उपहार या प्रसाद जरूर देना चाहिए।  लडडू गोपाल जी के जन्म का समय रात्रि 12 बजे हुआ था, तो शाम से ही बधाईयां नृत्य गीत आदि का आयोजन करना चाहिए।

लडडू गोपाल जी का जन्म का समय आने के बाद लडडू गोपाल जी का पंचामृत  से स्नान कराना चाहिए।  पंचामृत पांच अमृत को मिला कर बनता है। पंचामृत का अर्थ जो शास्त्रों में बताया गया है वह है- पांच अमृत इनमें दूध, दही, घी, शहद, शक्कर को मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है। इसी से लडडू गोपाल जी का अभिषेक किया जाता है।

और फिर लडडू गोपाल जी का भोग लगाकर उन्हें पालने में लिटा देना चाहिए, और फिर सुबह किसी अच्छे पंडित को बुला कर लडडू गोपाल जी की मंगल कामना के हेतु सत्यनारायण की कथा करवानी चाहिए तथा उसके बाद लडडू गोपाल जी का जन्मोत्सव मानना चाहिए और फिर बच्चों को खिलोने वितरित करने चाहिए और सभी आगंतुकों को सत्यनारायण जी का प्रसाद देना चाहिए और उपहार स्वरूप कुछ न कुछ अवश्य वितरित करना चाहिए।

लड्डू गोपाल जी की सेवा के कुछ अन्य नियम भी हैं जिनका  ध्यान अवश्य रखना चाहिए तो हमारी सेवा अवश्य सफल होगी।

1. प्रथम तो यह बात मन में बैठाना बहुत आवश्यक है कि जिस भी घर में लडडू गोपाल जी का प्रवेश हो जाता है वह घर लडडू गोपाल जी का हो जाता है, इसलिए मेरा घर का भाव मन से समाप्त होना चाहिए अब वह लडडू गोपाल जी का घर है।

2. दूसरी विशेष बात यह कि लडडू गोपाल जी अब आपके परिवार के सदस्य है, सत्य तो यह है कि अब आपका परिवार लडडू गोपाल जी का परिवार है।

3. अतः लड्डू गोपाल जी को परिवार के एक सम्मानित सदस्य का स्थान प्रदान किया जाए। जिस तरह अपने परिवार की हर अवश्यकताओं का ध्यान रखा जाता है उसी तरह लडडू गोपाल की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखें, और लडडू गोपाल जी से कोई न कोई मधुर सम्बन्ध जरूर बनायें। जैसे कि यदि घर में माता पिता जी के द्वारा लडडू गोपाल जी का आगमन हुआ है तो उनको  पुत्र मानकर  लडडू गोपाल जी की सेवा करनी चाहिए और जिस तरह अपने पुत्र  में वात्सल्य होता है उसी तरह लडडू गोपाल जी के प्रति वात्सल्य होना चाहिए।  मान लो आपके एक  पुत्री है और एक  पुत्र है और  व्यक्ति आपसे पूछे कि आपके कितने पुत्र और पुत्री हैं तो उत्तर निःसंकोच ये  चाहिए कि दो पुत्र हैं और एक पुत्री। और घर में जो पुत्र है उसे लडडू गोपाल को छोटा भाई मानकर उनकी सेवा करे। और पुत्री उनको अपना भाई मानकर उनकी कलाई पर राखी बांधे। तो इस तरह लडडू गोपाल जी से कोई न कोई सम्बन्ध अवश्य होना चाहिए। 

4. एक विशेष बात यह कि लडडू गोपाल जी किसी विशेष ताम झाम के नहीं आपके प्रेम और आपके भाव के भूखे हैं, अतः उनको जितना प्रेम जितना भाव अर्पित किया जाता है वह उतने आपके अपने होते हैं।

5. प्रति दिन प्रातः लडडू जी को स्नान अवश्य कराएं, किन्तु स्नान कराने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिस प्रकार घर का कोई सदस्य सर्दी में गर्म पानी व गर्मी में ठन्डे पानी से स्नान करता है, उसी प्रकार से लडडू गोपाल जी के स्नान के लिए मौसम के अनुसार पानी का चयन करें, स्नान के बाद प्रति दिन धुले स्वस्छ वस्त्र पहनाएं।

6. जिस प्रकार आपको भूक लगती है उसी प्रकार लडडू गोपाल जी को भी भूक लगती है अतः उनके भोजन का ध्यान रखे, भोजन के अतिरिक्त, सुबह का नाश्ता और शाम के चाय नाश्ते आदि का भी ध्यान रखें। लड्डू गोपाल जी को माखन मिश्री बहुत अधिक पसंद हैं तो समय समय पर उनके लिए माखन मिश्री का प्रबंध अवश्य करें। और खास बात यदि लडडू गोपाल जी का भोजन स्वयं बनावें तो ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि नौकर चाकर के खाना बनाने में वो भाव नहीं होता जो स्वयं बनाने में होती है। 

7. घर में कोई भी खाने की वस्तु आए लडडू गोपाल जी को हिस्सा भी उसमे अवश्य  होना चाहिए, मान लो यदि हम बाजार से कुछ खाने की वस्तु लेकर आएं तो हमारे मन में यह भाव होना चाहिए कि लडडू गोपाल के लिए भी खरीदूंगा। 

8. प्रत्येक मौसम के अनुसार लडडू गोपाल जी के लिए सर्दी गर्मी से बचाव का प्रबन्ध करना चाहिए, मौसम के अनुसार ही वस्त्र पहनाने चाहिए, और हरेक पर्व जैसे दीपावली, होली, घर में शादी और जन्मोत्सव आदि त्योहारों पर हम नए कपड़े खरीदते और पहनते हैं उसी तरह लडडू गोपाल जी को भी नए कपड़े पहनाने चाहिए। 

9. लडडू गोपाल जी को खिलौने बहुत प्रिय हैं उनके लिए खिलौने अवश्य लेकर आएं और उनके साथ खेलें भी। समय समय पर लड्डू गोपाल जी को बाहर घुमाने भी अवश्य लेकर जाएं।

10. लडडू गोपाल जी से कोई ना कोई नाता अवश्य कायम करें, चाहे वह भाई, पुत्र, मित्र, गुरु आदि कोई भी क्यों ना हो, जो भी नाता लड्डू गोपाल जी से बनाये उसको प्रेम और निष्ठा से निभाएं।

11. अपने लडडू गोपाल जी को कोई प्यारा सा नाम अवश्य दें, पर नाम ऐसा हो जो की बोलने में अति मधुर हो। 

12. लडडू गोपाल से प्रेम पूर्वक बाते करें, उनके साथ खेलें, जिस प्रकार घर के सदस्य को भोजन कराते हैं उसी प्रकार उनको भी प्रेम से भोजन कराएं।

13. पहले लडडू गोपाल को भोजन कराएँ उसके बाद स्वयं भोजन करें।

14. प्रतिदिन रात्री में लडडू गोपाल जी को शयन अवश्य कराएं, जिस प्रकार एक छोटे बालक को प्रेम से सुलाते हैं उसी प्रकार से उनको भी सुलायें, थपथाएँ, लोरी सुनाएँ।

15. प्रतिदिन प्रातः प्रेम पूर्वक पुकार कर उनको जगाएं।

16. किसी भी घर में प्रवेश के साथ ही लडडू गोपाल जी में प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है इसलिए उनको मात्र प्रतिमा न  समझ कर घर के एक सदस्य के रूप में ही उनके साथ व्यवहार करें।

17. लडडू गोपाल जिस कमरे में रहते हों उस कमरे में मौसम के हिसाब से कूलर, एअरकण्डीशनर, पंखा व जाड़े में हीटर आदि की व्यवस्था करें, उनके कम्बल, चादर बिस्तर, तकिया की पूरी व्यवस्था करें। और लडडू गोपाल को कभी अकेला न छोड़ें, उनके साथ कोई न कोई अवश्य सोये, यदि आप किसी अन्य कमरे में सोते हैं तो उनको भी अपने कमरे में  ले जाएँ और वहां सुला लें। 

18. और खास बात लड्डू गोपाल जी से कभी प्रार्थना नहीं करनी चाहिए कि हमारा ये कस्ट दूर कर दो या वो कस्ट दूर कर दो ये आशीर्वाद दो की हमारा घर में सुख शांति हो जाये। क्यों कि हम भगवान् श्री कृष्ण जी की बाल भाव से सेवा कर रहें हैं भगवान् मानकर नहीं, अपना पुत्र मान कर सेवा कर रहें हैं। और हाँ यदि कोई संकट आ भी जाये तो उसे सहन करना ही चाहिए जैसे सुख सदा नहीं तो दुःख भी सदा के लिए नहीं रहेगा। क्योंकि सुख दुःख तो हमारे पूर्व जन्मों के कर्मों का ही तो फल है तो वो फल तो हमें भोगने ही पड़ेंगे।

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