Tuesday 15 May 2018

क्यों है पीपल के पेड़ का इतना महत्व आईये जानते हैं

हमारे सनातन धर्म में सभी पेड़ पौधों में पीपल की पूजा का अत्यंत महत्व है। धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि इस पेड़ में त्रिदेव के साथ लक्ष्मी जी शनि और बालाजी महाराज का भी वास है। सभी 33 कोटि देवी देवता इसमें निवास करते है। और वैज्ञानिकों ने भी माना है पीपल का पेड़ एक ऐसा पेड़ है जो 24 घंटे लगातार ऑक्सीजन देता है। शनिवार के दिन भगवान शनिदेव संध्या के समय इस वृक्ष में निवास करते हैं, अत: शनिवार के दिन संध्या के समय एक तेल का दीपक जरुर प्रज्जवलित करना चाहिए। 

आइये जानें कैसे शनि भगवान का वास पीपल में हुआ, इससे जुड़ी  एक पौराणिक कथा, क्यों शनि का वास पीपल में !

एक समय की बात है असुरों ने तीन लोक और चौदह भुवनों में अपना आतंक पनपा रखा था। एक असुर कैटभ ने तो एक ऋषि आश्रम में पीपल का रूप धारण कर रखा था। जब भी कोई ऋषि किसी कारण वश उस पेड़ के नीचे आता तो वो असुर उसे निगल जाता। इस तरह उस आश्रम से ऋषि गण कम होने लगे। वे कैसे लापता हो रहे थे, यह सभी के लिए पहेली बना हुआ था। 

सभी ऋषि मुनि सूर्यदेवता के पुत्र शनिदेव के पास गए और उनसे सहायता कि गुहार लगाईं, तब शनिदेव उनकी प्रार्थना सुनकर एक ऋषिमुनि का वेश धारण किया और उस आश्रम में रहने लगे। 

एक दिन वे उसी पेड़ के नीचे आये और उन्हें ऋषि मानकर कैटभ ने उन्हें वृक्ष रूप में ही पकड़ लिया। शनिदेव अब सारा माजरा समझ गये। उन्होंने कैटभ के साथ युद्ध किया और उसका संहार कर दिया। सभी ऋषि मुनियों को उन्होंने बताया कि आप पूजा अर्चना करें और वे स्वयं इस पीपल के पेड़ के नीचे वास करके उनकी रक्षा करेंगे। 

तभी से शनि देव का वास पीपल के वृक्ष में बताया जाता है। जो व्यक्ति शनिवार के दिन इस पेड़ की पूजा करता है उसे शनि की साढ़े साती या ढैय्या के दोषों से राहत मिलती है। 

पीपल को वृक्षों का राजा कहा जाता है।  भगवान्  श्री कृष्ण जी ने गीता में कहा है कि वृक्षों में में पीपल हूँ। साथ ही साथ इस पेड़ पर सभी देवी देवताओं के साथ पितरों  का भी वास बताया गया है। पीपल के वृक्ष के पास कभी भी गंदगी नहीं करनी चाहिए, जूता चप्पल नहीं रखने चाहिए, मूत्र विसर्जन, थूकना इत्यादि। 

1. हनुमान चालीसा का पाठ यदि आप रविवार को छोड़कर नित्य पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं  तो शनि देव और बालाजी महाराज की विशेष कृपा आपको प्राप्त होती है। 

2. पितरो को प्रसन्न रविवार के दिन को त्याग कर बाकी सभी दिन यदि आप यह उपाय करेंगे तो पितृ देवी देवता प्रसन्न होंगे। एक स्टील के कलश में पानी और दूध, 4 बताशे, 2 लौंग और कुछ काले तिल अब इस कलश से सुबह पीपल की जड़ में अभिषेक करे, इस समय मंत्र उच्चारण करे ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः। 

3. यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग को स्थापित करके रोज पूजा करता है तो उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इसी कारण ज्यादतर शिव मंदिर में पीपल ला वृक्ष होता है। 

4. यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में पीपल के पेड़ को लगाकर उसकी सेवा नित्य करता है तो उसे अक्षत पुण्य की प्राप्ति होती है। 

5. यदि कोई व्यक्ति रोज पीपल की पूजा करे और फिर अपने बांये हाथ से पीपल की जड़ को स्पर्श करके अपने रोग के निदान की प्रार्थना करे तो जरुर उसे फायदा होता है। 

6. यदि अपने व्यापार में बढ़ोतरी के लिए आप शनिवार को एक पीपल का पत्ता लें, उसे शुद्ध जल से धोकर और चन्दन से स्वस्तिक बनाये, और अपने व्यापार में बढ़ोतरी के लिए मन्नत मांगे, फिर इसे व्यापारिक जगह की तिजोरी में रख दें, अगले शनिवार को फिर से यही दोहराए, ऐसा 7 शनिवार करें, यह पीपल का टोटका बहुत कारगर साबित होगा। 

7. ज्यादातर पीपल के पेड़ों की जड़ों में चीटियां अपना घर बना लेती हैं तो आटे की मीठी पंजरी बनाकर पीपल के वृक्ष की चार परिक्रमा करते हुए धीरे धीरे चारो और पंजरी को भुरक दें जिससे कि चीटियां उनको खा सकें। और परिक्रमा करते वक्त नारायण नारायण बोलें। और फिर पीपल को जल चढ़ा कर भगवान् श्री हरी विष्णु जी की नीचे दिए गए मंत्र द्वारा वंदना करें।

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
विशेष :- रविवार के दिन पीपल को जल नहीं चढ़ाना चाहिए अन्यथा सारे प्रयत्न व्यर्थ हो जायेंगे।

में  आशा करता हूँ कि आपको मेरा Post पसंद आया होगा, अगर इससे संबधित कोई भी सवाल या डाउट हो तो आप हमें नीचे दिए हुए Comment Box में बताएं, में आपको इसका Answer अवश्य दूंगा, इस Post को Social Media, जैसे Facebook, Twitter, Whatapp etc. पर जरूर Share करें। 

No comments:

Post a Comment