Sunday 10 September 2017

धारा 370 के बारे में विस्तार से जानिए कि धारा 370 क्या है


जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है, जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है, जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है । जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है । भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू - कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं, भारत की संसद को जम्मू - कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है। जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू - कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी ।

धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागु नहीं है, RTE लागू नहीं है, CAG लागू नहीं होता, भारत का कोई भी कानून लागु नहीं होता। कश्मीर में महिलाओ पर शरियत कानून लागू है। कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं, कश्मीर में चपरासी को 2500 ही मिलते है, कश्मीर में अल्पसंख्यको [ हिन्दू- सिख ] को 16 % आरक्षण नहीं मिलता। धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते है। धारा 370 की वजह से ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरीकता मिल जाती है। इसके लिए पाकिस्तानियों को केवल किसी कश्मीरी लड़की से शादी करनी होती है।

अच्छी शुरुवात है कम से कम 370 हटाने की दिशा में एक कदम आगे की ओर मोदी जी को धन्यवाद जो उन्होनें धारा 370 का मुद्दा उठाया। अब यदि कोई सेकुलर इन तथ्यों के विषय में कुछ कहना चाहे तो स्वागत हैं 370 धारा हटाना ही है इसलिए मेसेज को ज्यादा से ज्यादा फैलाओ कश्मीर में आप तिरंगा नहीं फहरा सकते, कन्याकुमारी में रिक्शे के पीछे आप जय श्री राम नहीं लिख सकते, हैदराबाद में मन्दिर की आप घंटी नहीं बजा सकते, कलकत्ता में आप अपने घर के दरवाजे पर बजरंगबली की मूर्ति नहीं लगा सकते, फिर कैसे कहूं कि  कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है ?? 65 सालो के इतिहास में पहली बार जिसने खुल के 370 का विरोध किया है, तो उसका साथ दीजिये। 

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