Saturday 19 May 2018

सफलता के सरल नियम, कर्म की आदत को बढ़ावा दीजिये, इन मुख्य बिंदुओं का अभ्यास कीजिये


1. कर्मठ बनिये, काम करने वाला बनिये, काम टालने वाला मत बनिये।

2. परिस्थितियों के आदर्श होने का इंतजार मत कीजिये, वे कभी आदर्श नहीं होतीं, भविष्य की बाधाओं और कठिनाइयों की उम्मीद कीजिये और जब वे आयें, तब आप उनको सुलझाने का तरीका खोजिये।

3. याद रखें, केवल विचारों से सफलता नहीं मिलती, विचारों का मूल्य तभी है, जब आप उस पर अमल करें।

4.डर भगाने और आत्मविश्वास हासिल करने के लिए कर्म कीजिये, जिस काम से आप डरते हो वही कीजिये और आपका डर भाग जायेगा। 

5. अपने मानसिक इंजन को मशीनी तरीके से चालू करें सही मूड बनने का इंतजार मत कीजिये, कर्म शुरु कर दीजिये और आपका मूड अपने आप सही हो जायेगा।

6. अभी काम शुरु करने के बारे में सोचिये, कल, अगले सप्ताह, बाद में इसी तरह के शब्द असफलता के शब्द ‘कभी नहीं' के पर्यायवाची हैं। इस तरह सोचिये 'हाँ अभी इस काम को शुरु कर देता हूँ, काम में जुट जाइये, कर्म की तैयारी में समय बर्बाद मत कीजिये, इसके बजाय सीधे काम में लग जाइये।

7. पहल कीजिये, संघर्ष करिये, गेंद छीनकर गोल की तरफ दौड़ लगाइये, स्वयंसेवक बनिये, यह बताइये कि आप में कर्म करने की योग्यता और महत्वाकांक्षा है, अपने दिमाग को गियर में डाल दीजिये और सफलता की राह चल पड़िये। 

8. याद रखें, आप किसी भी परिस्थिति में वही देखते हैं, जो आप देखना चाहते हैं, अच्छे पहलुओं को देखें और हार को जीत में बदल लें, अगर आप स्पष्ट दृष्टि विकसित कर लेते हैं, तो सारी चीजें आपके लिए अच्छा काम करेंगी। 

9. सफलता और असफलता में फर्क इस बात से होता है कि असफलता, बाधा, निराशाजनक स्थितियों और हतोत्साहित करने वाली बातों के प्रति आपका रवैया क्या है?

हार को जीत में बदलने के लिये यह सात सिद्धांत अमल में लाएं:-
1. असफलता का अध्ययन करें, ताकि आप सफलता की राह पर आगे बढ़ सकें, जब बार बार हारें, तो उससे सबक सीखें और फिर अगली बार जीतने की तैयारी करें।

2. अपने खुद के रचनात्मक आलोचक बनने का साहस रखें, अपनी गलतियाँ और कमजोरियों खोजें और फिर उन्हें सुधारें, इससे आप प्रोफेशनल बन जायेंगे।

3. किस्मत को दोष देना बंद कर दें, हर असफलता का विश्लेषण करें, यह पता लगायें गलती कहाँ हुई थी, याद रखें, तकदीर को दोष देने से कोई आदमी वहाँ नहीं पहुँचा, जहाँ वह पहुँचना चाहता था।

4. लगनशीलता के साथ प्रयोगशीलता का समन्वय कर लें, अपने लक्ष्य को बनाये रखें, पत्थर की दीवार से अपना सिर न टकराते रहें, नई शैलियों का प्रयोग करें, प्रयोगशील बनें। 

5. याद रखें, हर स्थिति का एक अच्छा पहलु होता हैं, इसे खोजें, पहलू को देखें और आप एक बार फिर उत्साह से भर जाएंगे।

6. कभी भी किसी से ये बहाना मत बनाओ कि में व्यस्त था क्योकि आप व्यस्त नहीं हैं अस्त व्यस्त हैं, क्योकि हरेक आदमी के 24 घंटे ही होते हैं।

7. कुछ लोग इस बात से परेशान रहते हैं कि उनके पास एक व्यक्ति के बार बार फ़ोन आते हैं, और वे लोग उससे बात नहीं करना चाहते हैं, तो इसका सीधा सीधा जबाब है कि एक बार फ़ोन पर उससे सीधी बात करो वो बार बार कॉल ही नहीं करेगा। 

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