पुण्य प्राप्ति हेतु :
कपूर जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कपूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर को संध्यावंदन के समय कपूर जरूर जलाएं।
पितृदोष और कालसर्पदोष से मुक्ति हेतु :
कपूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि हमें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है। दरअसल, यह राहु और केतु का प्रभाव मात्र है इसको दूर करने के लिए घर के वास्तु को ठीक करें।
यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो प्रतिदिन सुबह, शाम और रात्रि को तीन बार घी में भिगोया हुआ कपूर जलाएं। घर के शौचालय और बाथरूप में कर्पूर की 2-2 टिकिया रख दें बस इतना उपाय ही काफी है।
आकस्मिक घटना या दुर्घटना से बचाव :
आकस्मिक घटना या दुर्घटना का कारण राहु, केतु और शनि होते हैं। इसके अलावा हमारी तंद्रा और क्रोध भी दुर्घटना का कारण बनते हैं इसके लिए रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कपूर जलाएं।
हालांकि प्रतिदिन सुबह और शाम जिस घर में कपूर जलता रहता है उस घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती। रात्रि में सोने से पूर्व कपूर जलाकर सोना तो और भी लाभदायक है।
सकारात्मक उर्जा और शांति के लिए :
घर में यदि सकारात्मक उर्जा और शांति का निर्माण करना है तो प्रतिदिन सुबह और शाम कपूर को घी में भिगोकर जलाएं और संपूर्ण घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाएगी। दु:स्वप्न नहीं आएंगे और घर में अमन शांति बनी रहेगी है।
वैज्ञानिक शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि इसकी सुगंध से जीवाणु, विषाणु ( चिकुनगुनिया, डेंगू ) आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है तथा बीमारी होने का भय भी नहीं रहता।
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