Saturday 30 September 2017

अपने माता पिता का सम्मान करने के 35 तरीके, माता पिता के सम्मान में सारा सुख है

माता – पिता इस दुनिया में सबसे बड़ा खज़ाना है। यह मेसेज हर घर तक पहुंचने मे मदद करे तो बड़ी कृपा होगी मानव जाति का उद्धार संभव हैं, यदि ऊपर लिखी बातों को जीवन में उतार लिया तो। सबसे पहले भगवान, गुरु माता पिता ही हैं, हर धर्म में इस बात का उल्लेख है  सभी के माता पिता को सत् सत् नमन। 

1. उनकी उपस्थिति में अपने फोन को दूर रखो, आज कल देखा जा रहा है कि माता पिता कुछ कहते रहते हैं और बेटा और बेटी फ़ोन पर लगे रहते हैं, माता पिता कुछ बात बता रहे होते हैं और बच्चे व्हाट्सप्प पैर चैटिंग कर रहे होते हैं, तो इस बात से माता पिता को ठेश पहुँचती है, आप खुद सोचो कि आप किसी से कोई बात कर रहे हो और वो आपकी बात नहीं सुन रहा हो और मोबाइल पैर लगा हुआ हो तो आपको कैसा लगेगा। जब वो आपको कुछ कहें या आप उनके पास बैठे हो तो मोबाइल को अपने से दूर रखो और उनसे बातें करों। 

2. वे क्या कह रहे हैं इस पर ध्यान दो, ज्यादातर रिश्तों में माता पिता ही ऐसे होते हैं जो अपने बच्चे को सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, जाहिर है जो सबसे ज्यादा प्यार करेगा वो जो भी सलाह देगा तो आपके भले के लिए ही देगा। परन्तु हम उनकी बातों को इग्नोर सा कर देते हैं, और माता पिता के मन में ये बात आ जाती है की जिसको हमने सबसे ज्यादा प्यार किया आज वो हमें कुछ नहीं समझता। 

3. उनकी राय स्वीकारें, माता पिता किसी बच्चे को गलत सलाह नहीं देते हैं, कोई भी व्यक्ति कितना भी क्रूर क्यों न हो अपने बच्चे के लिए हमेशा प्यार ही रहता है, वो कभी भी गलत सलाह नहीं देगा, हो सकता है कि वो गलत भो हों फिर भी उनकी सलाह को इग्नोर न करें उनकी सलाह पूरी सुने और फिर फैसला करें। ऐसा न करें की वो सलाह दे रहे हों और आप सुने ही न। 

4. उनकी बातचीत में सम्मिलित हों। 
5. उन्हें सम्मान के साथ देखें।
6. हमेशा उनकी प्रशंसा करें।
7. उनको अच्छा समाचार जरूर बताएँ।
8. उनके साथ बुरा समाचार साझा करने से बचें।
9. उनके दोस्तों और प्रियजनों से अच्छी तरह से बोलें।
10. उनके द्वारा किये गए अच्छे काम सदैव याद रखें।
11. वे यदि एक ही कहानी दोहरायें तो भी ऐसे सुनें जैसे पहली बार सुन रहे हो।
12. अतीत की दर्दनाक यादों को मत दोहरायें।
13. उनकी उपस्थिति में कानाफ़ूसी न करें।
14. उनके साथ तमीज़ से बैठें।
15. उनके विचारों को न तो घटिया बताये न ही उनकी आलोचना करें।
16. उनकी बात काटने से बचें।
17. उनकी उम्र का सम्मान करें।
18. उनके आसपास उनके पोते/पोतियों को अनुशासित करने अथवा मारने से बचें।
19. उनकी सलाह और निर्देश स्वीकारें।
20. उनका नेतृत्व स्वीकार करें।
21. उनके साथ ऊँची आवाज़ में बात न करें।
22. उनके आगे अथवा सामने से न चलें।
23. उनसे पहले खाने से बचें।
24. उन्हें घूरें नहीं।
25. उन्हें तब भी गौरवान्वित प्रतीत करायें जब कि वे अपने को इसके लायक न समझें।
26. उनके सामने अपने पैर करके या उनकी ओर अपनी पीठ कर के बैठने से बचें।
27. न तो उनकी बुराई करें और न ही किसी अन्य द्वारा की गई उनकी बुराई का वर्णन करें।
28. उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में शामिल करें।
29. उनकी उपस्थिति में ऊबने या अपनी थकान का प्रदर्शन न करें।
30. उनकी गलतियों अथवा अनभिज्ञता पर हँसने से बचें।
31. कहने से पहले उनके काम करें।
32. नियमित रूप से उनके पास जायें।
33. उनके साथ वार्तालाप में अपने शब्दों को ध्यान से चुनें।
34. उन्हें उसी सम्बोधन से सम्मानित करें जो वे पसन्द करते हैं।
35. अपने किसी भी विषय की अपेक्षा उन्हें प्राथमिकता दें। 

No comments:

Post a Comment