Sunday 1 October 2017

दोस्तो कमीशन मिलता है, इसलिये इंस्युरेन्स एजेंट आपके पीछे लगते हैं आपकी यह धारणा बिलकुल गलत है


आप जानते हों अगर आप कपड़े  खरीदते हो, तो उसके मालिक को 60% से 80% तक कमीशन मिलता है, तो क्या आप कपड़े  खरीदना छोड़ देते हो ? अगर आप 50 लाख का घर खरीदते हो, तो उस बिल्डर को 2.5 लाख मिलते हैं, तो क्या आप घर खरीदना छोड़ देते हो ? ड्राइविंग लायसेन्स निकालने के लिये 200 रुपये लगते हैं, फिर भी आप उसके लिए आर टी ओ एजेंट को आप 2000 रुपये देते हो। 

मरने के बाद सब कुछ यहीं छोड़ जाना है, सिर्फ ये बताने के लिये साधू महाराज 20000 रुपये ले लेते हैं।  बस इतना बताना चाहता हूँ कि, जब भी हम कुछ करते हैं तो उसमे दूसरों को क्या मिलता है, इसके अलावा हमें क्या। मिलता है, इस पर अगर ज्यादा गौर किया तो हम जिंदगी में ज्यादा खुश रहेंगे।

1. इंस्युरेन्स एजेंट पैसों के लिये  ही आपके पीछे नही लगता बल्कि आपके पीछे आपके बीबी बच्चों को किसी के सामने हाथ फैलाने की नौबत ना आये, इसलिये इंस्युरेन्स एजेंट आपके पीछे लगता है। 

2. बुढ़ापे में  जब पास का जमा पैसा  खत्म होने लगे और बच्चे भी ना संभालें, उस वक्त भी आप सर उठा कर जी सकें इसलिये इंस्युरेन्स एजेंट आपके पीछे लगता है।

3. आपके बच्चों की पढ़ाई, लिखाई और शादी ब्याह के लिये किसी बैंक या फिर किसी रिश्तेदार के दरवाजे पे खड़ा ना रहना पड़ें, इसलिये इंस्युरेन्स एजेंट आपके पीछे लगता है। 

4. और सबसे महत्वपूर्ण, आज की इस महंगाई के जमाने में, एक विधवा औरत को लाचारी से बचाने के लिये इंस्युरेन्स एजेंट आपके पीछे लगता है।

5. वैसे भी दुनिया की रीति है कि अच्छी चीजें इन्सान को घर घर जाकर बेचनी पड़ती है और व्यर्थ के लिए हम लाइन लगाते हैं। जैसे कि दूध वाले को घर घर जाकर दूध बेचना पड़ता है और शराब के लिए हम लाइन में लगते हैं।

6. इन्सान की मृत्यु के बाद आज वित्तीय सहायता  करने के लिए सगा भाई तक सामने  नही आता, लेकिन उस वक्त ये इंस्युरेन्स कंपनी अपने एजेंट  के जरिये आपकी सहायता करने के लिए भगवान की तरह दौड़ी दौड़ी आती है और इसलिये वो एजेंट  दिन भर घर घर भटकता रहता है, और आपके पीछे पड़ा रहता है।

विकसित देशों में इंस्युरेन्स सरकार की तरफ से ही अनिवार्य है, लेकिन अपने यहाँ ये लोगों के घर घर जाकर समझाना पड़ता है।  विचार कीजिए और आज ही अपने इंस्युरेन्स एजेंट को बुलाकर उचित बीमा लीजिए।

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